आर्थिक कार्य विभाग (डीईए) ने क्षमता निर्माण आयोग (सीबीसी) के सहयोग से संबंधित मंत्रालयों, राज्य सरकारों और देश में बुनियादी ढांचे के निष्पादन के विस्तारित इको-सिस्टम में संबद्ध क्षमताओं को बढ़ाने के उद्देश्य से एक क्षमता वृद्धि योजना (सीईपी) तैयार की है, जिसमें ऑफलाइन और ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किए गए हैं।
इन प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से क्षमता वृद्धि योजना का उद्देश्य बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की योजना, क्रियान्वयन और कार्यान्वयन में शामिल अधिकारियों की क्षमताओं का उन्नयन करना है। इन प्रशिक्षण कार्यक्रमों को राष्ट्रीय अवसंरचना पाइपलाइन (एनआईपी), राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइपलाइन (एनएमपी), पीएम गतिशक्ति मास्टर प्लान आदि जैसे प्रमुख बुनियादी ढांचा कार्यक्रमों के सफल कार्यान्वयन के माध्यम से भारत के बुनियादी ढांचे के दृष्टिकोण को साकार करने के लिए तैयार किया गया है।
इस वर्ष आईआईएम-बी बैंगलोर, इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस, हैदराबाद (आईएसबी), इंफ्रास्ट्रक्चर एंड प्रोजेक्ट्स अथॉरिटी (आईपीए), फॉरेन, कॉमनवेल्थ एंड डेवलपमेंट ऑफिस (एफसीडीओ), यूएनईएससीएपी, ऑल इंडिया मैनेजमेंट एसोसिएशन (एआईएमए) और विश्व बैंक के साथ साझेदारी में छह प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं। प्रशिक्षण श्रृंखला में 200 से अधिक अधिकारियों के नामांकन प्राप्त हुए हैं, जिनके पास संबंधित मंत्रालयों/विभागों, राज्य/केंद्रशासित प्रदेशों की सरकारों और उनकी कार्यान्वयन एजेंसियों से एक बेहतर शिक्षण के माहौल की सुविधा के लिए एक क्रॉस-सेक्टरल और क्रॉस-रीजनल मिश्रण है।
क्षमता निर्माण प्रशिक्षण श्रृंखला अर्थात् “सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) और बुनियादी ढांचे के विकास में क्षमता निर्माण कार्यक्रम” में एक प्रशिक्षण कार्यक्रम 14 जून, 2022 को कोझीकोड में 36 प्रतिभागियों के साथ शुरू किया गया था। यह 5 दिवसीय (14 से 18 जून) आवासीय प्रशिक्षण कार्यक्रम भारतीय प्रबंधन संस्थान के साथ साझेदारी में उनके कोझीकोड (आईआईएम-के) परिसर में आयोजित किया जा रहा है।