भारतीय दिवाला और शोधन अक्षमता बोर्ड ने एक सुव्यवस्थित और त्वरित शिकायत निवारण प्रक्रिया को स्थापित करने के लिए दिवाला और शोधन अक्षमता बोर्ड (शिकायत और मुकदमा से निपटने की प्रक्रिया) विनियमन, 2017 और भारतीय दिवाला और शोधन अक्षमता बोर्ड (निरीक्षण ⁸और जांच) विनियमन, 2017 में संशोधन करके भारतीय दिवाला और शोधन अक्षमता बोर्ड (शिकायत और मुकदमा से निपटने की प्रक्रिया) (संशोधन) विनियमन, 2022 और भारतीय दिवाला और शोधन अक्षमता बोर्ड (निरीक्षण और जांच) (संशोधन) विनियमन, 2022 अधिसूचित किया।
दिवाला और शोधन अक्षमता कोड, 2016 (कोड) को भारतीय दिवाला और शोधन अक्षमता बोर्ड (शिकायत और मुकदमा से निपटने की प्रक्रिया) विनियमन, 2017 के साथ पढ़ा जाता है, जो दिवाला पेशेवरों, दिवाला पेशेवर एजेंसियों और सूचना उपयोगिताओं के खिलाफ दायर शिकायतों और मुकदमों के निवारण के लिए तंत्र प्रदान करता है। इसके अलावा, भारतीय दिवाला और शोधन अक्षमता बोर्ड (निरीक्षण और जांच) विनियमन, 2017 के साथ पठित कोड यानी संहिता दिवाला पेशेवर एजेंसियों, दिवाला पेशेवरों और सूचना उपयोगिताओं का निरीक्षण और जांच करने और अनुशासन समिति द्वारा आदेश पारित करने के लिए तंत्र प्रदान करती है।
शिकायत/मुकदमों के निवारण तंत्र और बाद में प्रवर्तन कार्रवाई में संशोधन किया गया है ताकि शीघ्र निवारण किया जा सके और सेवा प्रदाताओं पर अनुचित बोझ डालने से बचा जा सके। इस तरह की देरी को कम करने और त्वरित और परिणामोन्मुखी प्रवर्तन तंत्र सुनिश्चित करने के लिए, संशोधन विनियमन में निम्नलिखित प्रावधान है:
वर्तमान तंत्र में विलंब की समस्या के समाधान के लिए (शिकायत और मुकदमें से निपटने की प्रक्रिया) विनियम, 2017 और (निरीक्षण और जांच) विनियम, 2017 में प्रदान की गई प्रवर्तन प्रक्रिया से संबंधित विभिन्न समयसीमा में संशोधन।
· आईपी के खिलाफ प्राप्त शिकायतों की जांच के माध्यम से आईपी को विनियमित करने में आईपीए की प्रभावी भागीदारी।
अनुशासन समिति (डीसी) के आदेश के परिणाम के बारे में लेनदार की समिति (सीओसी) निर्णायक प्राधिकरण (एए) को सूचना प्रदान करना।
संशोधन विनियम 14 जून, 2022 से प्रभावी हैं। ये www.ibbi.gov.in. पर उपलब्ध हैं।