कॉप 26 के अध्यक्ष माननीय आलोक शर्मा के 21-22 जुलाई, 2022 के भारत दौरे के क्रम में नीति आयोग ने आज दो महत्त्वपूर्ण पहलें कीं – ई-अमृत (एक्सीलेरेटेड ई-मोबिलिटी रिवॉल्यूशन फॉर इंडियाज़ ट्रांस्पोर्टेशन) मोबाइल एप्लीकेशन को जारी किया, ताकि बैटरी चालित वाहनों के प्रति लोगों में जागरूकता पैदा हो तथा भारत के बाजार में उन्नत रासायनिक सेल वाली बैटरियों को दोबारा इस्तेमाल करने और उनकी री-साइक्लिंग करने सम्बंधी रिपोर्ट जारी की। इनका शुभारंभ कॉप 26 अध्यक्ष माननीय आलोक शर्मा, नीति आयोग के माननीय उपाध्यक्ष श्री सुमन बेरी और नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री परमेश्वरन अय्यर ने किया।
यूके के ग्लासगो ब्रेकथ्रू (ग्लासगो आमूल समाधान) पर हस्ताक्षर करने और उसका समर्थन करने वाले 42 नेतृत्वकारी देशों में भारत शामिल है। इसकी शुरूआत कॉप 26 जलवायु शिखर सम्मेलन में हुई थी। यूके और अमेरिका के साथ भारत सड़क यातायात पर भी ग्लासगो ब्रेकथ्रू का सह-संयोजक है। सड़क यातायात सम्बंधी आमूल समाधान का लक्ष्य है शून्य-उत्सर्जन वाहनों (जेडईवी) का निर्माण करना, जिनमें दो-तीन पहिया वाहन, कारें, वैन और भारी क्षमता वाले वाहन शामिल हैं। इस लक्ष्य के तहत 2030 तक सभी क्षेत्रों में इन वाहनों को सस्ता, आसानी से उपलब्ध और टिकाऊ बनाया जायेगा।
कम कार्बन का उत्सर्जन करने वाली अवसंरचना को बढ़ावा देने के लिये नीति आयोग ई-वाहनों, बैटरी चार्ज करने की सुविधाओं और बैटरी भंडारण जैसे क्षेत्रों में यूके के साथ सहयोग कर रहा है। लॉन्च के समय कॉप 26 अध्यक्ष ने उल्लेख कियाः “विश्व में तेजी से बढ़ते वाहन बाजार में भारत पांचवां सबसे बड़ा देश है। उसके पास बैटरी चालित वाहनों को अपनाने की अपार क्षमता है। शून्य-उत्सर्जन करने वाले वाहनों के विकल्प को अपनाया जा रहा है और इसमें तेजी आ रही है। इस तरह 100,000 से अधिक नये ई-मोबिलिटी रोजगार पैदा हो रहे हैं, प्रौद्योगिकी की लागत कम हो रही है, साफ हवा सुनिश्चित हो रही है और आयातित ईंधन पर हमारी निर्भरता कम हो रही है।”
बैटरी चालित गतिशीलता सम्बंधी यूके-नीति आयोग की सहयोगी पहलों की शुरूआत करते हुये श्री आलोक शर्मा ने कहा, “ये पहलें यह दर्शाती हैं कि यूके-भारत सहयोग न केवल बैटरी वाहनों की अवसंरचना में अहमियत रखता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि जलवायु परिवर्तन के विरुद्ध कार्रवाई करने में भी यह कितना जरूरी है।”
नीति आयोग के माननीय उपाध्यक्ष ने शिष्टमंडल को सम्बोधित करते हुये कहा, “यातायात प्रणाली का विद्युतीकरण भारत में मोबिलिटी को पूरी तरह बदल देने के प्रयासों का मुख्य घटक है। इस हरित संक्रांति को केंद्र में रखने के लिये जरूरी है कि भारत की नव हरित अवसंरचना तैयार करने में सार्वजनिक और निजी पूंजी, दोनों के निवेश में कई गुना बढ़ोतरी की जाये।”
ईवी पहलों को आरंभ करने के दौरान नीति आयोग के सीईओ ने ईवी इको-प्रणाली के तेज विकास, उद्योग जगत की बढ़ती भागीदारी, अंतर्राष्ट्रीय सहयोग और सरकारी नीतियों के समर्थन को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि इन सबसे अगले दशक तक भारत में बैटरी चालित वाहनों की स्वीकार्यता में भारी वृद्धि होगी।
उपयोगकर्ताओं को ई-अमृत एप्प पर कई जरूरी सूचनायें मिलेंगी। वे बैटरी चालित वाहनों के लाभों को समझने में सक्षम होंगे, इन वाहनों से होने वाली बचत का पता लगेगा और भारत में बैटरी वाहनों के बाजार और उद्योग से जुड़ी हर सूचना उपलब्ध हो जायेगी। ये सारी सूचनायें उन्हें पलक झपकते मिल जायेंगी। मोबाइल एप्प का एंड्रॉयड संस्करण गूगल प्लेस्टोर पर आज उपलब्ध हो जायेगा। इस सम्बंध में ई-अमृत (www.e-amrit.niti.gov.in) को देखा जा सकता है।
एडवांस्ट कैमिस्ट्री सेल बैटरी री-यूज़ एंड री-साइक्लिंग मार्केट इन इंडिया” रिपोर्ट को यूके की ग्रीन ग्रोथ फंड टैक्नीकल कोऑपरेशन फैसिलिटी का समर्थन प्राप्त है, जिसका लक्ष्य भारत में मौजूदा बैटरी की री-साइक्लिंग को प्रोत्साहित करना, बैटरी प्रौद्योगिकियों का विकास करना तथा बैटरी से चलने वाले वाहनों के मद्देनजर बैटरी आपूर्ति श्रृंखला तैयार करना है। रिपोर्ट में भारत के कॉप 26 लक्ष्यों को पूरा करने को ध्यान में रखते हुये ऊर्जा भंडारण की महत्त्वपूर्ण भूमिका को भी रेखांकित किया गया है।