प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने गवर्नमेंट ई- मार्केटप्लेस (जीईएम) प्लेटफॉर्म पर ‘ खरीदारों ‘ के रूप में सहकारी समितियों के पंजीकरण को मंजूरी दे दी है। यह सहकारी समितियों को एक एकल प्लेटफॉर्म पर 45 लाख से अधिक वेंडरों को एक्सेस करने तथा एक पारदर्शी, आर्थिक तथा प्रभावी खरीद प्रणाली का अनुसरण करने में सक्षम बनाएगा।

केंद्रीय सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह के नेतृत्व में सहकारिता मंत्रालय राज्य सहकारी अधिनियमों के तहत पंजीकृत बहु राज्य सहकारी समितियों तथा सहकारी समितियों को उनके सदस्यों के लाभ के लिए जीईएम प्लेटफॉर्म में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है तथा उसे उम्मीद है कि जीईएम प्लेटफॉर्म में शामिल होने के द्वारा और अधिक से अध्रिक सहकारी समितियां इससे लाभान्वित होंगी।

वर्तमान में, भारत में लगभग 29 करोड़ सदस्यता के साथ करीब 8.54 लाख सहकारी समितियां हैं। वे वस्तुओं तथा सेवाओं के उत्पादन के लिए विविध प्रकार के कार्यकलापों का निष्पादन करते रहे हैं। ये सहकारी समितियां अपने परिचालनों की सहायता करने के लिए खुले बाजार से भारत मात्रा में वस्तुओं तथा सेवाओं की खरीद करती हैं। एक पारदर्शी तथा कुशल प्रक्रिया के माध्यम से प्रतिस्पर्धी कीमतों का लाभ उठाने के लिए उन्हें एक मंच प्रदान करने की आवश्यकता महसूस की गई जिसका परिणाम सहकारी समितियों के सदस्यों को लाभ प्राप्त करने के रूप में आया।

गवर्नमेंट ई- मार्केटप्लेस (जीईएम) प्लेटफॉर्म को एक पारदर्शी तथा प्रभावी तरीके से सामान्य उपयोग की वस्तुओं तथा सेवाओं की खरीद के लिए केंद्रीय तथा राज्य सरकार मंत्रालयों/ विभागों और पीएसयू आदि के लिए एक समग्र ऑनलाइन मार्केट प्लेस उपलब्ध कराने के लिए एक राष्ट्रीय खरीद पोर्टल के रूप् में स्थापित किया गया है। वित्त वर्ष 2021-22 में जीईएम का उपयोग करने के जरिये खरीद का सकल व्यापारिक मूल्य 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक था। 9,702 उत्पाद श्रेणियों तथा 279 सेवा श्रेणियों में लगभग 54 लाख उत्पाद सूचीबद्ध हैं। वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान लगभग 10,000 करोड़ रुपये की अनुमानित बचत हुई थी।

जीईएम के माध्यम से की गई खरीदों से निम्नलिखित लाभ प्राप्त होंगे :

1. सहकारी समितियों को एक खुली तथा पारदर्शी प्रक्रिया के माध्यम से प्रतिस्पर्धी कीमत प्राप्त होगी और यह सहकारी समितियों के सदस्यों के लिए आर्थिक रूप से लाभदायक सिद्ध होगा।

2. सहकारी समितियां एक सिंगल जीईएम प्लेटफॉर्म पर देश भर में उपलब्ध लगभग 45 लाख प्रमाणित विक्रेताओं/सेवा प्रदाताओं से खरीद कर सकते हैं।

3. जीईएम पर मानक प्रक्रियाओं का अनुपालन करने पर समय की बचत होगी तथा प्रशासनिक बोझ में कमी आएगी।

4. इससे सहकारी समितियों की विश्वसनीयता में वृद्धि होगी क्योंकि फंडों के कुप्रबंधन की शिकायतों में कमी आएगी।

जीईएम प्राधिकारी उपलब्ध संपर्क केंद्रों, व्यावहारिक प्रशिक्षणों तथा अन्य सहायक सेवाओं के माध्यम से ऑन-बोर्डिंग और लेनदेन के लिए सहकारी समितियों, तकनीकी अवसंरचना तथा सहायता के लिए एक समर्पित ऑन-बोर्डिंग प्रक्रिया उपलब्ध कराएंगे।

 

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