धामपुर/शेरकोट (बिजनौर)। जीएसटी टीम ने विल्सन ट्रेडिंग ब्रश कंपनी के लोगों की ओर से सहयोग न मिलने के कारण आठ घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद कारखाने को सील कर दिया। बताया गया कि लखनऊ में एसटीएफ की जांच में प्रदेश की 66 कंपनियों के जीएसटी बिल फर्जी बरामद हुए हैं, जिसके आधार पर सोमवार को जीएसटी टीम ने शेरकोट के संबंधित कंपनी के कारखाने पर छापे की कार्रवाई की गई।
जीएसटी डिप्टी कमिश्नर संजय कुुमार सिंह ने मंगलवार को बताया कि एसटीएफ की ओर से लखनऊ में विभिन्न कंपनियों के जीएसटी बिलों की जांच की जा रही है। प्रदेश में 66 कंपनियां जांच में ऐसी पाई गई हैं, जिनके जीएसटी बिल फर्जी है। इन कंपनियों में से शेरकोट की विल्सन ट्रेेडिंग ब्रश कंपनी का नाम भी शामिल है। एसटीएफ की जांच रिपोर्ट के उजागर होने के बाद बिजनौर की जीएसटी टीम सोमवार को शेरकोट के मोहल्ला नौधना में स्थित संबंधित कारखाने पर पहुंची, वहां पर कारखाने के मालिकों या अन्य परिजनों की ओर से आग्रह करने के बाद भी कोई सहयोग नहीं मिला। बताया गया कि कारखाने का मालिक दिल्ली में रहता है।
कारखाने के मालिक को उनकी ओर से कम से कम 10 बार फोन कर सहयोग करने की अपेक्षा की। जब सुनवाई नहीं हुई, तो उन्होंने शाम को करीब साढ़े चार बजे कारखाने में लगे ताले को गैस कटर से कटने का प्रयास किया। परिजनों ने कारखाने के तालों को खोल दिया। ताले खुलने के बाद टीम ने रात आठ बजे तक अभिलेखों को खोज जांच करने का प्रयास किया, पर सफलता नहीं मिली। टीम ने रात आठ बजे कारखाने को सील कर दिया। कार्रवाई के दौरान शेरकोट थाने की पुलिस उनके साथ मौके पर मौजूद रही। उधर, अधिकारियों का कहना है कि अभिलेखों की जांच के बाद ही स्पष्ट होगा कि जीएसटी के फर्जी बिलों से सरकार को कितने का चूना लगा है।
अब देना होगा प्रार्थनापत्र
डिप्टी कमिश्नर का कहना है कि अब सील को खुलवाने के लिए कंपनी स्वामी की ओर से शपथपत्र के साथ जांच में सहयोग करने का भरोसा देने का वचन देते हुए जीएसटी अधिकारियों को प्रार्थनापत्र देना होगा।
तहरीर मिलेगी तो होगी कार्रवाई
शेरकोट थानाध्यक्ष सतेंद्र कुमार सिंह का कहना है कि जीएसटी टीम की ओर से संबंधित मामले में कार्रवाई के लिए पुलिस को कोई तहरीर नहीं दी गई है। यदि तहरीर मिलेगी तो रिपोर्ट कायम कर कार्रवाई करेगी।