भारतीय नौसेना और इंडोनेशियाई नौसेना के बीच भारत-इंडोनेशिया समन्वित गश्ती (इंड-इंडो कॉरपेट) का 38वां संस्करण 13-24 जून 2022 से आयोजित किया जा रहा है। अंडमान और निकोबार कमान में स्थित स्वदेशी रूप से निर्मित मिसाइल कार्वेट भारतीय नौसेना जहाज आईएनएस कर्मुक डोर्नियर मैरीटाइम पेट्रोल एयरक्राफ्ट के साथ कॉरपेट में भाग ले रहा है, जबकि इंडोनेशियाई नौसेना का प्रतिनिधित्व केआरआई कट न्याक दीएन, एक कपिटन पट्टिमुरा (पीएआरसीएचआईएम I) क्लास कार्वेट द्वारा किया जा रहा है।
लगातार बंदरगाह यात्राओं, द्विपक्षीय/बहुपक्षीय अभ्यासों और प्रशिक्षण आदान-प्रदानों में भागीदारी के साथ भारत और इंडोनेशिया के बीच समुद्री संपर्क का काफी विस्तार हुआ है। इस मजबूत समुद्री संबंध के व्यापक दायरे के तहत, 2002 से हर साल दोनों नौसेनाएं हिंद महासागर क्षेत्र के इस महत्वपूर्ण हिस्से को वाणिज्यिक शिपिंग और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के लिए मजबूत और सुरक्षित रखने के उद्देश्य से अंतर्राष्ट्रीय समुद्री सीमा रेखा (आईएमबीएल) के साथ-साथ कॉरपेट का संचालन कर रही हैं। कॉरपेट ने नौसेनाओं के बीच समझ और पारस्परिकता को भी मजबूत किया है और समुद्र में गैरकानूनी गतिविधियों को रोकने की सुविधा प्रदान करने के साथ ही खोज और बचाव (एसएआर) अभियान चलाने के उपाय किए हैं।
इंड-इंडो कॉरपेट का वर्तमान संस्करण 13 जून 2022 को पोर्ट ब्लेयर, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में केआरआई कट न्याक दीएन के आगमन के साथ शुरू हुआ। उद्घाटन समारोह 14 जून 2022 को अंडमान और निकोबार कमांड के तत्वावधान में आयोजित किया गया था। इंडोनेशियाई युद्धपोत ने पोर्ट ब्लेयर में तीन दिन ठहरने के दौरान व्यावसायिक विचार-विमर्श, प्री सेल कॉन्फ्रेंस और विभिन्न खेल प्रतियोगिताओं में भाग लिया। कॉरपेट ने दोनों नौसेनाओं को एक-दूसरे की संचालन प्रक्रियाओं को बेहतर ढंग से समझने और क्षेत्र में गैरकानूनी अव्यवस्थित अनियंत्रित (आईयूयू) मछली पकड़ने, मादक पदार्थों की तस्करी, समुद्री आतंकवाद, सशस्त्र डकैती और समुद्री डकैती को रोकने/दबाने के लिए संस्थागत उपायों को सुविधाजनक बनाने के साथ-साथ पारस्परिकता बढ़ाने में मदद की है। कॉरपेट के 38वें संस्करण के लिए समुद्री चरण 20-21 जून 2022 को आईएमबीएल के साथ अंडमान सागर में शुरू किया गया था, जबकि समापन समारोह 23 जून 2022 को इंडोनेशिया के सबांग में निर्धारित है।
38वां इंड-इंडो कॉरपेट पारस्परिकता को मजबूत करने और इंडोनेशियाई नौसेना/ टीएनआई एएल के साथ मजबूत दोस्ती बनाने के लिए भारतीय नौसेना के प्रयासों में योगदान देगा।