Explainer: क्या है आयकर से जुड़ा नियम 132, करदाताओं के लिए इसे जानना क्यों जरूरी?

0
1

नई दिल्ली. नियम 132, 1 अक्टूबर, 2022 से लागू हुआ है. इसे केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने पेश किया था. इसका संबंध धारा 155 (18) के अंतर्गत आय की दोबारा गणना के लिए आवेदन से है. बता दें कि आय की दोबारा गणना के लिए फॉर्म 69 का इस्तेमाल कर सकते हैं. ये नियम व्यापारियों द्वारा भरे जाने वाले टैक्स पर लगने वाले सेस या सरचार्ज के बारे में स्थिति स्पष्ट करने के लिए लाया गया था.

दरअसल, बिजनेस से हुए मुनाफे पर टैक्स को लेकर तो आयकर कानून में स्थिति स्पष्ट थी. हालांकि, ये कहीं साफ नहीं था कि क्या उस पर दिया जाने वाला सेस या सरचार्ज डिडक्शन के योग्य है नहीं. धारा 155 में संशोधन से पहले सेस या सरचार्ज के लिए किए गए भुगतान को एक्सपेंडीचर के रूप में देखा जाता था. लोग इस पर कटौती का दावा करते थे. लेकिन 155 में सब सेक्शन 18 को जोड़कर इस दावे को पूरी तरह खारिज कर दिया गया. सीबीडीटी ने 29 सितंबर, 2022 को एक नोटिफिकेशन जारी किया जिसमें कहा गया कि असेसी को सरचार्ज पर कटौती के दावे की अनुमति नहीं है.

क्या होगा करदाताओं पर असर?
इस नए नियम के बाद साफ हो गया है कि आय की गणना के समय सरचार्ज के डिडक्शन की अनुमति नहीं है. इसका मतलब है कि जिन्होंने भी उसे कटौती मानकर आय डिक्लेयर की थी दोबारा गणना के समय उनकी आय अधिक होगी. जानकारों के अनुसार, असेसी को इस पर टैक्स देना होगा और साथ ही कम आय पर ड्यू टैक्स का आधा जुर्माने के तौर पर देना होगा

राहत की बात
हालांकि, असेसी के लिए एक राहत की बात भी है. नियम 132 के अनुसार, वह सेस या सरचार्ज पर कटौती के दावे को रद्द कर पिछले साल की कुल की दोबारा गणना के लिए आवेदन कर सकता है. इस पर कोई पेनल्टी नहीं देनी होगी. पुनर्गणना के लिए 31 मार्च, 2023 को या उससे पहले फॉर्म संख्या 69 को जमा किया जाना चाहिए. इसके बाद आय की दोबारा गणना होगी और आपको एक तय समय में देय राशि जमा करनी होगी. कर के भुगतान के बाद, 30 दिनों के भीतर असेसी को फॉर्म संख्या 70 में भुगतान का विवरण असेसिंग ऑफिसर के पास देना होगा.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here